Monday, August 29, 2016

51 Krishna Names.

भगवान् श्री कृष्ण जी के 51 नाम
और उन के अर्थ:.....

1 कृष्ण : सब को अपनी ओर आकर्षित करने वाला.

2 गिरिधर: गिरी: पर्वत ,धर: धारण करने वाला। अर्थात गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले।

3 मुरलीधर: मुरली को धारण करने वाले।

4 पीताम्बर धारी: पीत :पिला, अम्बर:वस्त्र। जिस ने पिले वस्त्रों को धारण किया हुआ है।

5 मधुसूदनमधु नामक दैत्य को मारने वाले।

6 यशोदा या देवकी नंदन: यशोदा और देवकी को खुश करने वाला पुत्र।

7 गोपाल: गौओं का या पृथ्वी का पालन करने वाला।

8 गोविन्द: गौओं का रक्षक।

9 आनंद कंदआनंद की राशि देंने वाला।

10 कुञ्ज बिहारी: कुंज नामक गली में विहार करने वाला।

11 चक्रधारी: जिस ने सुदर्शन चक्र या ज्ञान चक्र या शक्ति चक्र को धारण किया हुआ है।

12 श्याम: सांवले रंग वाला।

13 माधवमाया के पति।

14 मुरारीमुर नामक दैत्य के शत्रु।

15 असुरारी: असुरों के शत्रु।

16 बनवारी: वनो में विहार करने वाले।

17 मुकुंद: जिन के पास निधियाँ है।

18 योगीश्वर: योगियों के ईश्वर या मालिक।

19 गोपेश :गोपियों के मालिक।

20 हरि: दुःखों का हरण करने वाले।

21 मदनसूंदर।

22 मनोहरमन का हरण करने वाले।

23 मोहन: सम्मोहित करने वाले।

24 जगदीश: जगत के मालिक।

25 पालनहार: सब का पालन पोषण करने वाले।

26 कंसारी: कंस के शत्रु।

27 रुख्मीनि वलभ: रुक्मणी के पति

28 केशव: केशी नाम दैत्य को मारने वाले. या पानी के उपर निवास करने वाले या जिन के बाल सुंदर है।

29 वासुदेव:वसुदेव के पुत्र होने के कारन।

30 रणछोर:युद्ध भूमि भागने वाले।

31 गुड़ाकेश: निद्रा को जितने वाले।

32 हृषिकेश: इन्द्रियों को जितने वाले।

33 सारथी: अर्जुन का रथ चलने के कारण।
35 पूर्ण परब्रह्म: :देवताओ के भी मालिक।

36 देवेश: देवों के भी ईश।

37 नाग नथिया: कलियाँ नाग को मारने के कारण।

38 वृष्णिपति: इस कुल में उतपन्न होने के कारण

39 यदुपति:यादवों के मालिक।

40 यदुवंशी: यदु वंश में अवतार धारण करने के कारण।

41 द्वारकाधीश:द्वारका नगरी के मालिक।

42 नागर:सुंदर।

43 छलिया: छल करने वाले।

44 मथुरा गोकुल वासी: इन स्थानों पर निवास करने के कारण।

45 रमण: सदा अपने आनंद में लीन रहने वाले।

46 दामोदर: पेट पर जिन के रस्सी बांध दी गयी थी।

47 अघहारी: पापों का हरण करने वाले।

48 सखा: अर्जुन और सुदामा के साथ मित्रता निभाने के कारण।

49 रास रचिया: रास रचाने के कारण।

50 अच्युत: जिस के धाम से कोई वापिस नही आता है।

51 नन्द लाला: नन्द के पुत्र होने के कारण।

।। जय श्री राधे कृष्णा ।।


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